Hindi Essay (Hindi Nibandh) हिन्दी निबंध लेखन
हिन्दी निबंध (Hindi Essay) – किसी व्यक्ति / लेखक / साहित्यकार के भावों एवं विचारों को क्रमबद्ध एवं व्यवस्थित तरीके से एक सूत्र में बंधना निबंध कहलाता है। निबंध का अर्थ होता है – निश्चित बंध अर्थात अच्छी तरह नियमों से बंधा हुआ।
निबंध लिखते वक्त हम किसी विषय पर अपने विचारों कॉ एकत्रित कर उसे एक क्रम देते है, फिर उसे सुव्यवस्थित रूप में व्यक्त करते है। यह गद्य साहित्य की एक महत्वपूर्ण विधा है।
मनुष्य अपने भावों तथा विचारों को व्यक्त करने के लिए भाषा के लिखित रूप का सहारा लेता है। किसी व्यक्ति के लेखन प्रतिभा का मुलायंकन करने के लिए निबन्ध सबसे अच्छी कसौटी होती है। इसके द्वारा उस व्यक्ति के ज्ञान, अनुभव, भावना एवं सोचने कइ क्षमता को परखा जाता है।
निबंध की परिभाषा – जब लेखक या साहित्यकार या व्यक्ति के द्वारा अपने विचारों एवं भावों को क्रमबद्ध, सुंदर, सुगठित एवं सुबोध भाषा में व्यक्त करता है तो उस रचना को निबंध कहते है।
महत्वपूर्ण हिन्दी निबन्ध संग्रह – Essay in Hindi
मुख्य हिन्दी निबंध – Hindi Essay – Hindi Nibandh
- प्रधान मंत्री उज्वला योजना – PMUY
- मेक इन इंडिया
- विज्ञान के चमत्कार
- स्वच्छ भारत अभियान
- डिजिटल इंडिया
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
- विमुद्रीकरण
- ग्लोबल वार्मिंग
- स्किल इंडिया मिशन
- स्टार्टअप इंडिया स्टैन्डअप इंडिया
- प्रधानमंत्री जन धन योजना
- सूचना का अधिकार 2005
- जी एस टी (GST)
- महिला सशक्तिकरण
- बाल मजदूरी
- प्रदूषण
- नगदी रहित भारत
- आतंकवाद
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009
- लोकतंत्र में मीडिया कइ अहम भूमिका
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निबंध के प्रकार Type of Hindi Essay
मुख्य रूप से निबंध चार प्रकार करे होते है।
- वर्णात्मक निबंध – वे निबंध जिनमें किसी प्राणी, वस्तु या स्थान का वर्णन किया जाता है उन निबंधों कॉ वर्णात्मक निबंध कहते है। जैसे- एक प्रदर्शनी, मेरे प्रिय लेखक आदि।
- विचारात्मक निबंध – जिन निबंधों में लेखक किसी गंभीर विषयों पर चिंतन मनन कर अपने विचार व्यक्त करता है। इन निबंधों में बुद्धि कइ प्रधानता होती है तथा विचारों की प्रमुखता होती है। जैसे- दहेज एक अभिशाप, भ्रष्टाचार आदि।
- विवरणात्मक निबंध – वे निबंध जिनमें किसी युद्ध, यात्रा, ऐतिहासिक घटना एवं साहसिक कार्यों का वर्णन किया जाता है।
- भावात्मक निबंध – इन निबंधों में भावों की प्रधानता होती है। इस प्रकार के निबंध व्यक्ति की संवेदनशीलता को प्रकट करते है। इसमें प्रेम, क्रोध, मित्रता, सत्संगति, ईर्ष्या आदि भावों पर निबंध लिखते है।
हिन्दी निबन्ध लेखन करने हेतु चरणबद्ध तरीका
एक श्रेष्ट निबंध लिखने के लिए निम्न चरणों को प्रयोग किया जाना अति आवश्यक है।
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- भाषा – निबंध लेखन में भाषा का विशेष महत्व होता है। निबंध लेखन में भाषा व्याकरण-सम्मत, शुद्ध, सरल, सहज होनी चाहिए तथा उसमें अपने विचारों को व्यक्त करने तथा पाठकों को प्रभावित करने की क्षमता होनी चाहिए।
- शैली – निबंध लेखन की शैली साहित्यिक गुणों से सम्पन्न और निबंधकार के निजीपन को प्रकट करती हो।
- विचार – निबंध में भाव और विचारों की अभिव्यक्ति सुगठित, क्रमबद्ध, गंभीर, और विषयों के अनुरूप होनी चाहिए।
निबन्ध के अंग
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- प्रस्तावना – प्रस्तावना का अर्थ है – भूमिका। इसके अंतर्गत जिस विषय के ऊपर निबंध लिखा गया है उसका परिचय दिया जाता है।
- विषय का विस्तार – निबंध के विषय से संबंधित सभी जानकारियों, विचारों को क्रमबद्ध रूप में विभिनं अनुच्छेदों में लिखते है। इसे ही निबंध का मूल भाग कहते है।
- उपसंहार अथवा निष्कर्ष – अपनी पूरी बातों का निचोड़ हम अंत के अनुच्छेद में देते है। इस भाग कॉ उपसंहार कहते है। यह निबंध का अंतिम भाग होता है। इसमें निबंध का सम्पूर्ण सार दिया जाता है।
निबंध लेखन में ध्यान देने योग्य बातें
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- विषय को ध्यान में रखकर कुछ प्रभावशाली एवं रोचक वाक्यों द्वारा इसकी शुरुआत करनी चाहिये।
- विषय वस्तु कॉ छोटे-छोटे एवं सरल वाक्यों में लिखना चाहिए।
- निबंध में प्रयोग किए जाने वाले वाक्यों में सजीवता कइ झलक होनी चाहिए।
- शुद्ध वर्तनी एवं उपयुक्त विराम-चिन्हों का प्रयोग किया जाना चाहिए।
- अधिक लंबे वाक्यों का उपयोग नहीं करना चाहिए।
- परीक्षा में दिए बिंदुओं एवं संकेतों का पालन किया जाना चाहिए।
- समय सीमा का ध्यान अति आवश्यक है।
- भाषा कॉ और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए उचित स्थानों पर सूक्तियों एवं उदाहरणों का प्रयोग किया जाना चाहिए।
- निबंध लिखते व्यक्त ध्यान रखे कि बार-बार एक ही बात न दोहराई जाए।
परीक्षाओं में हिन्दी निबंध (Hindi Essay)की उपयोगिता
साहित्य समाज का प्रतिबिम्ब होता है। किसी काल-विशेष के साहित्य के अध्ययन से हम उस काल कइ सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक दशा से परिचित होते है। साहित्य का अध्ययन किसी समाज के इतिहास कॉ जानने का एक उत्तम साधन है। देश के महापुरुषों, लेखकों, कवियों, वीर-वीरांगनाओं का परिचय हमे साहित्यिक रचनाओं से प्राप्त होता है।
अपनी सांस्कृतिक गतिविधियों, रीति-रिवाजों और परम्पराओं का ज्ञान भी हमें साहित्यिक कृतियों से प्राप्त होता है। इसलिए कुछ परीक्षाओं में आपके ज्ञान एवं विचारों को जानने के लिए निबंध लेखन, पत्र लेखन आदि से प्रश्न पूछे जाते है।
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