हिन्दी के महत्वपूर्ण मुहावरे उनके अर्थ और प्रयोग
हिन्दी में मुहावरे और लोकोक्तियाँ (Hindi Muhavare) का बहुत गहरा प्रभाव है, उनके प्रयोग से भाषा की सजीवता की वृद्धि होती है। मुहावरे भाषा के प्राण है। जिस भाषा में मुहावरों का प्रयोग होता है, वह भाषा अधिक प्रभावशाली होगी।
मुहावरा क्या होता है – “मुहावरा” अरबी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है – “अभ्यास होना” या “आदी होना”। कोई भी ऐसा वाक्यांश, जिसका शब्दार्थ ग्रहण न करके कोई विलक्षण अर्थ ग्रहण किया जाता हो, वह मुहावरा कहलाता है। मुहावरा संक्षिप्त होता है, परंतु अपने इस संक्षिप्त रूप में ही किसी बड़े विचार या भाव को प्रकट करता है।
लोकोक्ति किसे कहते है – लोकोक्तियाँ वास्तव में वह तीखी युक्ति है जऑ श्रोता के हृदय पर सीधा प्रभाव डालती है। इसे कहावत, वाक्य, जनश्रुति आदि नामों से भी जाना जाता है।
मुहावरा और लोकोक्ति में अंतर
मुहावरा वाक्य का एक अंश है और इसका प्रयोग स्वतंत्रता के साथ नहीं होगा परंतु लोकोक्ति स्वयं में एक परिपूर्ण वाक्य होता है तथा अप इसका प्रयोग स्वतंत्र रूप से कर सकते है। जैसे- “होश उड़ जाना” एक मुहावरा है। तथा “बकरे की अम्मा कब तक खैर मनाएगी” एक लोकोक्ति है।
महत्वपूर्ण हिन्दी मुहावरे एवं उनके अर्थ
विगत परीक्षाओं में पूछे गए मुख्य मुहावरों की सूची उनके अर्थ सहित अभ्यास करें एवं PDF नीचे दिए गया है।
- हाथ खाली होना – पैसा न होना ( माह के अन्त तक अधिकांश लोगों के हाथ खाली हो जाते है)
- अंडे सेना – घर पर बेकार बैठना
- जूतम पैजार – लड़ाई-झगड़ा होना
- पौ बारह होना – अत्यधिक लाभ होना
- नीम हकीम खतरे जन – अल्प ज्ञान हानिकारक होता है।
- अठखेलियाँ सूझना – दिल्लगी करना
- आँख के अंधे, गांठ के पूरे – धनी परंतु मूर्ख
- नौ दिन चले अढ़ाई कोस – धीरे धीरे चलना
- जूतियों में दाल बांटना – लड़ाई-झगड़ा हो जाना
- खरगोश के सिंग निकलना – असंभव होना
- अंतर के पट खोलना – विवेक से काम लेना
- खून पानी होना – कोई असर न होना
- शैतान की आंत – बहुत लंबी वस्तु
- अमर बेल बनाना – संग लगे रहना
- अन्न का कन्न करना – बनी चीज को बिगाड़ देन
- अरण्य-रोदन – व्यर्थ विलाप
- आग पानी साथ रखना – असंभव कार्य करना
- इन्द्र की परी – बहुत सुंदर स्त्री
- किनारा कसी करना – दूर होना, साथ छोड़ना
- कुम्हड़ बतिया होना – अशक्त होना
- बगुला भगत होना – भीतर से कपटी होना
- अधेली न दे अधेला दे – दबाब में पड़कर अधिक देने को तैयार हो जाना
- एक ही लकड़ी से हांकना – अच्छे-बुरे की पहचान न करना (कुछ अधिकारी सभी कर्मचारियों को एक ही लकड़ी से हाँकते है)
- ओस पड़ जाना – लज्जित होना (भारतीय टीम से बुरी तरह हारने से ऑस्ट्रेलिया की टीम पर ओस पड़ गई।)
- एक आँख से देखना – सबको बराबर समझना (प्रधानमंत्री का कर्तव्य है की वह सभी नागरिकों को एक आँख से देखे।)
- एक पंथ दो काज – एक कार्य के साथ दूसरा कार्य भी पूरा करना (दिल्ली में मेरी परीक्षा है, इस बहाने लाल किला नहीं देख लेंगे। मेरे तो एक पंथ दो काज हो जाएंगे।)
- कंचन बरसना – अधिक आमदनी होना (लॉकडाउन की वजह से आजकल मुनाफाखोरों के यहाँ कंचन बरस रहा है।)
- कलेजे पर पत्थर रखना – धैर्य धारण करना (गरीब मजदूर को ठेकेदार सबके सामने खरी-खोटी सुना गया, जिसको उसने कलेजे पर पत्थर रख कर सुन लिया।)
- अटकेगा सो भटकेगा – द्विविधा या सोच-विचार में पड़ने से काम नहीं होता।
- अंधे के हाथ बटेर लगना – अनायास ही मिलना (कमल हाईस्कूल में प्रथम आया, उसके लिए तो अंधे के हाथ बटेर लग गई)
- अन्न-जल उठना – प्रस्थान करना, एक स्थान से दूसरे स्थान पर चले जाना)
- अक्ल पर पत्थर पड़ना – कुछ समझ में न आना
- अंडे का सहजादा – अनुभवहीन
- अंगूठा चूमना – चापलूसी करना
- अंक लगाना – गले लगाना
- अधेरे गिरना – धोखे में रखना
- अंग अंग टूटना – बदन में दर्द होना
- अंग-अंग ढीला होना – बहुत थक जाना
- अक्ल का पुतला – बहुत बुद्धिमान
- अगस्तस्य का समुद्रपान – असंभव कार्य कर देना
- आँख का काजल चुराना – सफाई से चोरी करना
- आँख का पानी गिर जाना – बेशर्म होना
- आंखे खुजाना – सजग हो जाना
- आँखों से गिरना – विश्वास खो देना
- आंधी के आम – बिना मेहनत के मिली चीज
- आकाश का फूल – अप्राप्त वस्तु
- आफत की पुड़िया – मुसीबत पैदा करने वाला व्यक्ति
- आसन जमाना – जिद के साथ बैठना
- ओखली में सिर देना – जानबूझकर संकट में फंसना
- इलायची बांटना – दावत देना
- अक्ल के पीछे लट्ठ लिए फिरना – मूर्खतापूर्ण कार्य करना
- अक्ल का अंधा – महामूर्ख होना
- अपना उल्लू सीधा करना – स्वार्थ सिद्ध करना
- अक्ल के घोड़े दोड़ाना – केवल कल्पनाएं करते रहना
महत्वपूर्ण हिन्दी लोकोक्तियाँ एवं उनके अर्थ
- नीम न मीठा होय सींचो गुड़ घी से – बुरे लोगों का स्वभाव नहीं बदलता, प्रयास चाहें जैसे किया जाए।
- मियाँ की दाड़ी चुमाई में गई – किसी वस्तु को देखने वालों द्वारा ही समाप्त हो जाना
- दुविधा में दोनों गए माया मिली न राम – अस्थिर विचार वाला व्यक्ति कुछ भी नहीं कर पता है।
- अंधी पीसे कुत्ता खाए – कार्य कोई ओर करे और उसका फल कोई दूसरा व्यक्ति उठाए
- अपना रख पराया चख – अपनी वस्तु की रक्षा एवं दूसरों की वस्तु का उपयोग
- ईंट की देवी मांगे का प्रसाद – जैसा व्यक्ति वैसी आवभगत
- इतना खाएं जितना पचे – सीमा के अंदर कार्य करना
- आदमी पानी का बलबुला है – मनुष्य जीवन नाशवान है।
- शौकीन बुढ़िया चटाई का लहंगा – अवस्था के अनुसार आचरण नहीं होना, अपनी इच्छा गलत ढंग से पूरी करना
- जंगल में मोर नाचा किसने देखा – किसी ऐसे स्थान पर कार्य करना जिससे दूसरों को लाभ न हो।
- दूल्हा को पत्तल नहीं, बजियाने को थाल – जिसका जऑ हक है, वह उसे न मिलकर किसी और को मिलना
- छँटाक चुन चौबारे रसोई – केवल दिखावा
- चूहे के चाम से नगाड़े नहीं मढ़े जाते – तुच्छ और अल्प वस्तु से बड़ा काम नहीं हो सकता
- जाय लाख रखे साख – इज्जत राहनी चाहिए व्यय कुछ भी हो जाए।
- बूचा सबसे ऊँचा – निर्लज्ज आदमी सबसे बड़ा है
Hindi Muhavare PDF
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परीक्षाओं में मुहावरों का महत्व
विभिनं प्रतियोगी परीक्षाएं जैसे यु जी सी, पी सी एस, आर ए एस, पी जी टी, टी जी टी, यु डी ए, कांस्टेबल सब इंस्पेक्टर आदि में हिन्दी अध्ययय से अनेक प्रश्न पूछे जाते जिनमें हिन्दी मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ भी शामिल है। यहाँ परीक्षा की दृष्टि से कुछ मुख्य मुहावरों का संकलन किया गया है, जऑ आपकी आगामी परीक्षा के लिए बेहद जरूरी एवं महत्वपूर्ण है। कृपया इनका अभ्यास करें।